ये हक़ मेरा कर दो
हर वक़्त तुम्हारे लिए
ये दिन तुम्हारा
शामें तुम्हारी,
चलो रातें भी तुम्हारी
कुछ पल चुरा सकूँ
ये हक़ मेरा कर दो
हर जज़्बात तुम्हारे लिए
ये प्यार तुम्हारा
आदत तुम्हारी
चलो बातें भी तुम्हारी
कुछ प्यारे लम्हे चुरा सकूँ
ये हक़ मेरा कर दो
हर तहज़ीब तुम्हारे लिए
ये आदाब तुम्हारा
महफ़िल तुम्हारी
चलो ये हुकूमत भी तुम्हारी
कुछ नज़रें चुरा सकूँ
ये हक़ मेरा कर दो
Bhai bhai awesome 👍👍👍
ReplyDeleteThank you so much bhai
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